उसे क्या खबर की मेरी उम्र उसकी यादों मे कट रही है की उसकी नज़रें अब किसी गैर के सामने झुख रही है | उसे छूलू या जी भर के उसका दीदार करू मेरी ज़ुबान उसके सामने कुछ कहने से झिझक रही है | मेरी नब्ज़ रुक जाये तो किसी को मलाल क्या होगा मैं… Continue reading उसे क्या खबर की…
आज बताओ मुझे तुम …
आँखों में मेरी देखकर क्या मुझे तुम इजहार करोगे,आज बताओ मुझे तुम क्या मेरे जाने के बाद भी मुझसे प्यार करोगे | हाथों से छूकर मेरा चेहरा पहचान लेते हो,क्या बिन कुछ कहे मेरी ख्वाइशें जान सकोगे | कलाई पे गुदवाकर रख लिया है मेरा नाम तुमने,क्या मेरी यादों को भी तुम अपने ज़हन में… Continue reading आज बताओ मुझे तुम …
याद!
निगाहे धुंधती है तुम्हे यहां से वहा तुम छुपना भी क्या खुब जनते हो तुम रुको मै आता हू अभी कह कर गये अब एक अरसा गुजर जाने पर भी सिर्फ तुम्हारी याद आती हैं।।
स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक सुभकामनाए।।
वह आजादी के परिंदे थे, हम खुद में सिमटे बैठे हैंवह जख्म खाकर हंसते थे, हम दिल तोड़वा कर रोते हैं। वह सब की निगाहों में चढ़ते गए, हम अपनी आंखों से रिश्ते हैंवह दीवाने आजादी के, हम आजादी से डरते हैं। वह आजादी आजादी करते थे, हम खुद में सहमे बैठे हैंवह फांसी पर… Continue reading स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक सुभकामनाए।।
We live many lives
At the end when you look back, you will find there are many lives you have already lived in the form of a series of event which came one after the other.
नज़रे
जो जिक्र आता है तेरा कही खामोश हो जाती है जुबां मेरी,फेर लेता हूँ नज़रे दूसरी ओर अक्सर बयां कर देती है ये सच || Read More - गुमनामपरिंदामिजाजइंतजारअक्स ©COPYRIGHT 2020All rights reserved to Writomaniacs.
कीचड़ के निशान
बारिश जोड़ों की हुई थी कल रात अपने पीछे छोड़ गई थी कुछ बहता हुआ पानी और बहुत सारा कीचड़
Life in Dilemma!
It was 10 at night, a mid size man was standing at the seashore gazing at the sky all alone. The breeze was hitting so hard on him that it looks like it will rip off his clothes from his body. Then suddenly a girl speak,
वक़्त
उन्हें वक़्त ही नहीं मिलता हमें सोचने का, हम हर वक़्त उन्हें ही सोचे जा रहे है ||
किसी से कोई शिकवा नहीं…..
दर्द की इंतहा हो गई है की मौत से भी ज्यादा गमगीन जिंदगी हो गई दूर थे जो अपने उन्हें खोने का डर लगता था आज अपनों की पहचान नजदीक से हो गई है।। वाकिफ तो थे हम दुनिया की साजिशों से आज अपनों की भी आजमाइश हो गई है साथ चलने को दुनिया थी… Continue reading किसी से कोई शिकवा नहीं…..
गुरुर
अपनी मौजूदगी का था गुरूर उन्हें इतना की अपने मिटने का भी उन्हें अहसास न हुआ। ©COPYRIGHT 2020 All rights reserved to Writomaniacs.
एहसास
अपने ही होने का खुद एहसास नहीं है मुझको छूकर को ही छूकर देख लेता हूँ मैं अक्सर, शामिल अपनी जिंदगी मे मैं हूँ की नहीं। ©COPYRIGHT 2020 All rights reserved to Writomaniacs.
तोता जो उड़ना नहीं चाहता…
निकाल लाया हूँ एक पिंजरे से इक परिंदा।
अब इस परिंदे के दिल से पिंजरा निकालना हैं।
निगाहें
फखत देखा था उनकी निगाहों मे इक दफा, किसी और के तसव्वुर मे अब उठती नहीं निगाहें // Read More- काबिलियत गुमनाम परिंदा मिजाज इंतजार अक्स ©COPYRIGHT 2020 All rights reserved to Writomaniacs.
काबिलियत
जिसे पाने की दिल में कोई तमन्ना ही न थी, उसे खोने का आज हमको ग़म ये कैसा।। वो कहते है हमसे तुम इसके काबिल ही न थे, ईल्म उनको हमारी काबीलियत का कैसा।। Read more - गुमनाम परिंदा मिजाज इंतजार अक्स ©COPYRIGHT 2020 All rights reserved to Writomaniacs.
गुमनाम
अकेला ही था मे गुमनाम राहों मे सुनता गया सबकी लिखता गया अपनी, अनजान ही रहा मे उन महफिलों से जहां गूंजता गीत भी मेरा ही लिखा था // ©COPYRIGHT 2020 All rights reserved to Writomaniacs.
परिंदा
असमानों की मुझे ख्वाईश नहीं परिंदा हु अपनी उम्मीदों का असमा कोई हद नहीं मेरी उड़ना है मुझे आसमानों से भी ऊँचा // ©COPYRIGHT 2020 All rights reserved to Writomaniacs.
कश्मकश
जिसे पाने की दिल में कोई तमन्ना ही न थी, उसे खोने का आज हमको ग़म ये कैसा।। वो कहते है हमसे तुम इसके काबिल ही न थे, ईल्म उनको हमारी काबीलियत का कैसा।।
Nothing Right or Wrong
“You say time is the best healer, passing time changes everything. May be not, time doesn’t change anything it just passes away leaving behind the traces of memories; some are bad, some are good. No, may be not even good or bad; right or wrong. It could be way of defining situations there is no right or wrong. Everything is happening was suppose to be happen. Your destiny or situation whatever you say could be the only possible reason for all the sufferings you are facing.”
सत्य कि तलाश
जब कभी खुद को अकेला पाया चारों ओर सन्नाटा घना अँधेरा पाया, मन में बस एक ही विचार आया कौन है वो जिसने मुझे बनाया, अगर उसने मुझे बनाया तो दुखों के साथ क्यों बनाया। यकि नहीं होता कि एक दिन मैं मरुँगा, क्या मेरे अंदर भी कोई आत्मा हैं कभी महसूस नहीं होता, फिर… Continue reading सत्य कि तलाश