Shayari

तू दूर चला जायेगा तो मेरा क्या लगेगा।

तू दूर चला जायेगा तो मेरा क्या लगेगा।तेरा दिल कही और लग भी जाये तो क्या लगेगातेरे जेहन में मेरी यादों का हमेशा आशिया रहेगा। कोई ख्वाइश नहीं तुझे फिरसे पाने कीबस मेरी तरफ एकबार देखना मुझे अच्छा लगेगा। जो कभी दुनियाभर की नज़रों में तू खटकने लगेमेरी निगाहों में एकबार देखना तुम्हे अच्छा लगेगा।

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राहों में चल रहा हूं मंजिल का पता नहीं…

राहों में चल रहा हूं मंजिल का पता नहीं समंदर में उतर चुका हूं साहिल का पता नहीं हजारों निगाहों का निशाना है जिस पर उसे अपनी निगाहों में लिए फिर रहा हूँ उसके होने का एहसास ढूंढता खामोशी से चल रहा हूं किसी बारिश की तरह बरस जाएगी मुझ पर इसी उम्मीद में बादलों… Continue reading राहों में चल रहा हूं मंजिल का पता नहीं…

Poem (Hindi)

उसे क्या खबर की…

उसे क्या खबर की मेरी उम्र उसकी यादों मे कट रही है की उसकी नज़रें अब किसी गैर के सामने झुख रही है | उसे छूलू या जी भर के उसका दीदार करू मेरी ज़ुबान उसके सामने कुछ कहने से झिझक रही है | मेरी नब्ज़ रुक जाये तो किसी को मलाल क्या होगा मैं… Continue reading उसे क्या खबर की…

Poem (Hindi)

आज बताओ मुझे तुम …

आँखों में मेरी देखकर क्या मुझे तुम इजहार करोगे,आज बताओ मुझे तुम क्या मेरे जाने के बाद भी मुझसे प्यार करोगे | हाथों से छूकर मेरा चेहरा पहचान लेते हो,क्या बिन कुछ कहे मेरी ख्वाइशें जान सकोगे | कलाई पे गुदवाकर रख लिया है मेरा नाम तुमने,क्या मेरी यादों को भी तुम अपने ज़हन में… Continue reading आज बताओ मुझे तुम …

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याद!

निगाहे धुंधती है तुम्हे यहां से वहा तुम छुपना भी क्या खुब जनते हो तुम रुको मै आता हू अभी कह कर गये अब एक अरसा गुजर जाने पर भी सिर्फ तुम्हारी याद आती हैं।।

Poem (Hindi)

स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक सुभकामनाए।।

वह आजादी के परिंदे थे, हम खुद में सिमटे बैठे हैंवह जख्म खाकर हंसते थे, हम दिल तोड़वा कर रोते हैं। वह सब की निगाहों में चढ़ते गए, हम अपनी आंखों से रिश्ते हैंवह दीवाने आजादी के, हम आजादी से डरते हैं। वह आजादी आजादी करते थे, हम खुद में सहमे बैठे हैंवह फांसी पर… Continue reading स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक सुभकामनाए।।

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नज़रे

जो जिक्र आता है तेरा कही खामोश हो जाती है जुबां मेरी,फेर लेता हूँ नज़रे दूसरी ओर अक्सर बयां कर देती है ये सच || Read More -  गुमनामपरिंदामिजाजइंतजारअक्स ©COPYRIGHT 2020All rights reserved to Writomaniacs.

Poem (Hindi)

किसी से कोई शिकवा नहीं…..

दर्द की इंतहा हो गई है की मौत से भी ज्यादा गमगीन जिंदगी हो गई दूर थे जो अपने उन्हें खोने का डर लगता था आज अपनों की पहचान नजदीक से हो गई है।। वाकिफ तो थे हम दुनिया की साजिशों से आज अपनों की भी आजमाइश हो गई है साथ चलने को दुनिया थी… Continue reading किसी से कोई शिकवा नहीं…..

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निगाहें

फखत देखा था उनकी निगाहों मे इक दफा, किसी और के तसव्वुर मे अब उठती नहीं  निगाहें // Read More- काबिलियत गुमनाम परिंदा मिजाज इंतजार अक्स ©COPYRIGHT 2020 All rights reserved to Writomaniacs.

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काबिलियत

जिसे पाने की दिल में कोई तमन्ना ही न थी, उसे खोने का आज हमको ग़म ये कैसा।। वो कहते है हमसे तुम इसके काबिल ही न थे, ईल्म उनको हमारी काबीलियत का कैसा।। Read more - गुमनाम परिंदा मिजाज इंतजार अक्स ©COPYRIGHT 2020 All rights reserved to Writomaniacs.

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गुमनाम

अकेला ही था मे गुमनाम राहों मे सुनता गया सबकी लिखता गया अपनी, अनजान ही रहा मे उन महफिलों से जहां गूंजता गीत भी मेरा ही लिखा था // ©COPYRIGHT 2020 All rights reserved to Writomaniacs.